CAA Notification Released: सोमवार को पूरे भारत में CAA (Citizenship Amendment Act) यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू कर दिया गया है। गृह मंत्रालय द्वारा कल ही इसके अधिसूचना जारी कर दी गई। इस अधिनियम कर तहत भारत के तीन पड़ोसी मुस्लिम बहुल देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के प्रताड़ित शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी। लेकिन नागरिकता लेने की कि यह प्रक्रिया सरल नहीं होगी। इसके लिए कुछ बेहद जरूरी दस्तावेज आवेदक के पास होना चाहिए? क्या आप जानना चाहते हैं उन दस्तावेजों के बारे में? तो हमारे इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें। हमारे आज के इस आर्टिकल में हम CAA को विस्तार से समझेंगे और हम जानेंगे कि कौन होंगे CAA लाभार्थी और क्या होंगे CAA के तहत नागरिकता आवेदन के लिए मुख्य दस्तावेज। तो जुड़े रहें हमारे इस आर्टिकल से
क्या है नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA)? | What Is CAA in Hindi
CAA के तहत नागरिकता प्रदान करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। इस अधिनियम के तहत तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों हिंदू, सिख, जैन, फारसी, ईसाई और बौद्ध धर्म से संबंधित प्रताड़ित शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी। CAA की प्रावधान के अनुसार जो भी शरणार्थी 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आकर बसे हुए हैं उन्हें भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी। इस अधिनियम के तहत ऐसे लोगों को अवैध प्रवासी दर्शाया गया है जो किसी वैध दस्तावेज (वीजा और पासपोर्ट) के बिना भारत में रह रहे हैं या फिर वैध दस्तावेज के साथ आए लेकिन अवधि भी जाने के बाद भी भारत में ही टिके हुए हैं।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के मुख्य बिंदु
अधिनियम का नाम | नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) |
लोकसभा में पारित होने की तिथि | 9 दिसंबर 2019 |
राज्यसभा में पारित होने की तिथि | 11 दिसंबर 2019 |
लागू होने की तिथि | 11 मार्च 2024 |
उद्देश्य | पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करना |
अनुसूचित देश | पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान |
अनुसूचित धर्म | हिंदू, बौद्ध, ईसाई, सिख, जैन और पारसी |
नागरिकता पाने के लिए निर्धारित अवधि | 5 साल या उससे अधिक समय से भारत के निवासी |
CAA के मुख्य नियम क्या है? | CAA Notified Rules
CAA के तहत पड़ोसी देशों के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन किया गया है। इस विधेयक का प्रस्ताव 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में रखा गया और उसी दिन यह विधेयक पारित भी हुआ। 11 दिसंबर 2019 को यह विधेयक राज्यसभा में पारित किया गया। इस अधिनियम के तहत भारत की नागरिकता देने के लिए कुछ मुख्य प्रावधान किए गए हैं जिनका पालन करना शरणार्थियों के लिए आवश्यक है। आईये हम जानते हैं कि क्या हैं
CAA Notified Rules –
- नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) में देशीयकरण के द्वारा भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।
- अधिनियम के तहत वह व्यक्ति भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है जो पिछले 1 साल के दौरान और पिछले 14 वर्षों में से आखिरी के 11 वर्षों के दौरान भारत में रह रहा हो।
- इस अधिनियम के अंतर्गत तीन देशों (बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान) तथा 6 धर्मों (हिन्दू, सिख, ईसाई, बौद्ध पारसी और जैन) संबंधित लोगों के लिए यह समय सीमा 11 वर्ष से घटाकर 6 वर्ष तक की निर्धारित की गई है।
- इस नियम के तहत यह भी प्रावधान है कि यदि नागरिक कोई नियम का उल्लंघन करता है तो Overseas Citizen Of India (OCI) कार्डधारकों के पंजीकरण को रद्द करने का अधिकार भारत सरकार के पास है।
- नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को नागरिकता कानून 1955 के अंतर्गत उल्लेख किये गए सभी नियमों को पूर्ण करना होगा।
- इस अधिनियम के तहत प्रवासियों को यह साबित करना होगा कि वह अपने देश में उत्पीड़न का शिकार होकर भारत की नागरिकता लेने आए हैं।
- इन प्रवासियों को यह साबित करना होगा कि वह भारत की आठवीं अनुसूची में उल्लेखित 22 भाषाओं में से किसी एक को बोलते हैं।
- इस अधिनियम में संविधान की छठी अनुसूची में शामिल असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के आदिवासी क्षेत्र को छूट दी गई है जिनमें मेघालय में गारो पहाड़ियाँ, असम में कार्बी आंगलोंग, त्रिपुरा के आदिवासी जिले और मिजोरम के चकमा जिले सम्मिलित हैं।
क्या है भारतीय नागरिकता कानून का अब तक का इतिहास? | History Of Citizen Amendment Act
भारतीय नागरिकता संशोधन विधेयक हाल फिलहाल में भले ही चर्चा का विषय बना हुआ है लेकिन इसका इतिहास बहुत पुराना है। गौरतलब है कि भारतीय नागरिकता संशोधन विधेयक वास्तव में भारतीय नागरिकता कानून 1955 का ही एक संशोधन है। ध्यान देने वाली बात यह है कि भारतीय नागरिकता कानून 1955 में संशोधन समय-समय पर होते रहे हैं ताकि इसे और बेहतर बनाया जा सके और भारत की नागरिकता और संप्रभुता को मजबूत बनाए रखने का इसका उद्देश्य पूर्ण होता रहे। आगे हम आपको यह बताने जा रहे हैं अब तक भारतीय नागरिकता कानून 1955 में हुए संशोधन और इसके इतिहास के बारे में-
- भारतीय नागरिकता कानून 1955 में अब तक छह बार संशोधन किए जा चुके हैं जो इस प्रकार हैं – 1986, 1992, 2003, 2005, 2015, 2019
- भारतीय नागरिकता कानून 1955 में बदलाव के लिए 2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 (Citizen Amendment Bill 2016) संसद में लाया गया था।
- वर्तमान नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में प्रस्तुत व पारित हुआ और 11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में पारित हुआ 12 दिसंबर 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिली और यह कानून बना।
- भारतीय नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के लागू होने से पूर्व भारत की नागरिकता लेने के लिए व्यक्ति को 11 साल तक भारत में निवास करना जरूरी था। इस अधिनियम में यह अवधि घटाकर 6 वर्ष कर दी गई है।
- नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का बांग्लादेश से सटे राज्यों असम और पश्चिम बंगाल में भारी विरोध किया गया।
- इन राज्यों के लोगों द्वारा तर्क दिया गया है कि बांग्लादेश में भारी संख्या में आए हुए हिंदुओं को नागरिकता देने से यहां के मूल निवासियों के अधिकार खत्म हो जाएंगे।
- केंद्र सरकार द्वारा असम में एनआरसी भी लाई गई थी जिसका उद्देश्य असम में रहने वाले घुसपैठियों की पहचान करना था।
CAA अप्लाई करने के लिए क्या-क्या दस्तावेज होने चाहिए? | Required Documents For CAA
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का के तहत पात्र शरणार्थियों का निर्धारण कुछ आवश्यक दस्तावेजों के आधार पर किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के साथ 39 पन्नों की नियमावली भी जारी की गई है जिसमें इन सभी दस्तावेजों का विवरण दिया गया है। आवेदन करने वाले शरणार्थी के पास इन दस्तावेजों का होना आवश्यक है। ये दस्तावेज ही शरणार्थी की पात्रता के सबूत बनेंगे। इन दस्तावेजों के अभाव में कोई भी आवेदक भारत की नागरिकता के लिए आवेदन नहीं कर सकेगा।
CAA अप्लाई करने के लिए क्या-क्या दस्तावेज होने चाहिए?
- आवेदन करने वाला शरणार्थी अधिसूचना में वर्णित तीनों देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) में से है तो उसे वहां की नागरिकता साबित करने के लिए पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र या शैक्षिक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
- वहां की सरकार द्वारा जारी किया गया कोई प्रमाण पत्र, लाइसेंस या जमीन से जुड़ा कोई दस्तावेज भी शरणार्थी सबूत के तौर पर प्रस्तुत कर सकता है।
- भारत के पंजीकरण अधिकारी (FRRO) अथवा विदेशी पंजीकरण अधिकारी (FRO) की ओर से जारी दस्तावेज भी सबूत के तौर पर प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
- जनगणना के समय जारी की जाने वाली पर्ची भी दस्तावेज के रूप में स्वीकृत की जाएगी।
- इसके अलावा भारत सरकार के द्वारा जारी किया गया कोई प्रमाण पत्र जैसे राशन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, जमीन के कागज, बैंक या पोस्ट ऑफिस के प्रमाण पत्र, बिजली और पानी के बिल, स्कूल का कोई दस्तावेज या विवाह प्रमाण पत्र भी प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
CAA से किसको लाभ होगा?| Who Will be Beneficiary of CAA
भारत में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू होने के बाद अधिकतर लोगों के मन में यह सवाल है कि CAA से किसको लाभ होगा? हम आपको बताते चलें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत भारत सरकार ने पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान को चिन्हित किया है जिनके हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के अल्पसंख्यक नागरिक इस अधिनियम के तहत भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं।
गौर तलब है कि यह तीनों ही देश मुस्लिम बहुल हैं और यहां से अक्सर अन्य समुदाय के अल्पसंख्यकों के साथ उत्पीड़न की खबरें सुनाई देती रहती हैं। इन देशों में अल्पसंख्यकों के साथ मारपीट, जबरन धर्म परिवर्तन, भूमि अधिग्रहण, धार्मिक रूप से भेदभाव और आर्थिक असमानता इत्यादि उत्पीड़न किए जाते हैं। इन समुदायों की सहायता के लिए भारत सरकार द्वारा लंबे समय से निराकरण के प्रयास किया जा रहे थे। यह संशोधन इन्हीं प्रयासों का एक परिणाम है। इस अधिनियम के लागू होने के बाद इन तीनों देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को अब भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
यदि कोई शरणार्थी नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत भारत की नागरिकता प्राप्त करना चाहता है तो उसे ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवदेन के लिए भारत सरकार द्वारा Indian Citizenship Portal भी लांच किया गया है। शरणार्थी को यह बताना होगा कि वह भारत में कब आया और उसके पास अधिसूचना में उल्लेखित दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज होना चाहिए। हालांकि शरणार्थी पासपोर्ट या कोई अन्य दस्तावेज के न होने पर भी आवेदन कर सकता है। इस अधिनियम के तहत शरणार्थियों के लिए भारत में रहने की अवधि 5 वर्ष निर्धारित की गई है।
हालांकि भारतीय नागरिकों पर इस अधिनियम का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा। संविधान के मुताबिक भारत के नागरिकों को नागरिकता का पूरा अधिकार है और उनका यह अधिकार नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) या किसी और अधिनियम से पूर्णतः अप्रभावित है।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया | Application Process For CAA
नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत पाकिस्तान बांग्लादेश में अफगानिस्तान के शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए भारत सरकार ने भारतीय नागरिकता ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है। इसके तहत आवेदक को https://indiancitizenshiponline.nic.in पर जाकर आवेदन करना होगा। आवेदन की प्रक्रिया इस प्रकार होगी।
- सबसे पहले आवेदक को भारतीय नागरिकता ऑनलाइन पोर्टल पर ओपन करना।
- वेबसाइट के होम पेज पर नीचे Online Services – Citizenship Amendment Act (CAA) का सेक्शन दिखाई देगा।
- इस Section में आपको “Click To Submit Application for Indian Citizenship Under CAA, 2019” का विकल्प दिखाई देगा।
- इस विकल्प पर क्लिक करने पर एक नया पेज खुलेगा जिस पर आपको लॉगिन करना होगा।
- इसमें आप अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालकर कैप्चा कोड भरने के बाद आगे की Continue पर क्लिक करेंगे।
- कंटिन्यू पर क्लिक करने पर आपके रजिस्टर मोबाइल नंबर और मेल पर एक ओटीपी आएगा।
- इस ओटीपी को दर्ज करने के बाद आप आगे की आवेदन प्रक्रिया को कंटिन्यू कर सकेंगे।
- आवेदन करने के बाद आपको प्रिंटआउट निकाल कर वह प्रति जिला अधिकारी के पास जमा करनी होगी जहां से आपके आवेदन का वेरिफिकेशन किया जाएगा।
गौर तलब है कि सरकार आवेदन के लिए एक एप्लीकेशन भी जारी करेगी जिसका नाम CAA 2019 होगा। यह एप्लीकेशन आवेदन की प्रक्रिया को और आसान बनाएगा।
नागरिकता कानून 1955 के तहत वैध और अवैध नागरिक की परिभाषा | Definition of Legal and Illigal Immigrants According To Citizen Act 1955
गौरतलब है कि भारतीय नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) वास्तव में भारतीय नागरिकता कानून 1955 का ही एक संशोधित रूप है। दरअसल भारतीय नागरिकता कानून 1955 यह बताता है कि कोई व्यक्ति किस आधार पर भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकता है। इस कानून कर अनुसार किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता मिल सकती है यदि उसका जन्म भारत में हुआ है या उसके माता-पिता भारतीय रहे हो या कुछ समय से भारत में रह रहे हैं।
इस अधिनियम में अवैध प्रवासियों को भारत की नागरिकता देने से प्रतिबंधित किया गया है अधिनियम के तहत अवैध प्रवासियों को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि अवैध प्रवासी उसे व्यक्ति को कहा जाएगा जिसने पासपोर्ट या वीजा जैसे वैध दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया है अथवा ऐसा व्यक्ति जो वैध दस्तावेजों के साथ भारत में प्रवेश करता है लेकिन दिए गए समय से अधिक अवधि तक भारत में रह रहा है।
विदेशी अधिनियम 1946 और पासपोर्ट अधिनियम 1920 के तहत अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार या निर्वासित किया जा सकता है। इन दोनों ही अधिनियम के तहत भारत की सरकार को देश के भीतर विदेशियों के प्रवेश देने, उनके रहने और पुनः लौटने को नियमित करने का अधिकार है।
FAQ
CAA का Full Form क्या है?
Citizenship Amendment Act
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लोकसभा व राज्यसभा में कब पारित हुआ?
9 दिसंबर 2019 और 11 दिसंबर 2019
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत किन देशों के शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी?
पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत नागरिकता के लिए भारत में निवास की अवधि कितनी है
6 वर्ष से अधिक
भारतीय नागरिकता कानून 1955 में अब तक कितने संशोधन हुए हैं
भारतीय नागरिकता कानून 1955 में अब तक छह बार संशोधन हुए हैं
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