Hanuman Chalisa in Hindi PDF: फ्री डाउनलोड करें और पाठ के लाभ जानें

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Hanuman Chalisa Lyrics

दोहा

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार
बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥१॥

राम दूत अतुलित बल धामा
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥२॥

महाबीर बिक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी॥३॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुंडल कुँचित केसा॥४॥

हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे
काँधे मूँज जनेऊ साजे॥५॥

शंकर सुवन केसरी नंदन
तेज प्रताप महा जगवंदन॥६॥

विद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर॥७॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मनबसिया॥८॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा
विकट रूप धरि लंक जरावा॥९॥

भीम रूप धरि असुर सँहारे
रामचंद्र के काज सवाँरे॥१०॥

लाय सजीवन लखन जियाए
श्री रघुबीर हरषि उर लाए॥११॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई॥१२॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावै
अस कहि श्रीपति कंठ लगावै॥१३॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा॥१४॥

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥१५॥

तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा
राम मिलाय राज पद दीन्हा॥१६॥

तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना
लंकेश्वर भये सब जग जाना॥१७॥

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू
लिल्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥१८॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही
जलधि लाँघि गए अचरज नाही॥१९॥

दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥२०॥

राम दुआरे तुम रखवारे
होत ना आज्ञा बिनु पैसारे॥२१॥

सब सुख लहैं तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहु को डरना॥२२॥

आपन तेज सम्हारो आपै
तीनों लोक हाँक तै कापै॥२३॥

भूत पिशाच निकट नहि आवै
महावीर जब नाम सुनावै॥२४॥

नासै रोग हरे सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥२५॥

संकट तै हनुमान छुडावै
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥२६॥

सब पर राम तपस्वी राजा
तिनके काज सकल तुम साजा॥२७॥

और मनोरथ जो कोई लावै
सोई अमित जीवन फल पावै॥२८॥

चारों जुग परताप तुम्हारा
है परसिद्ध जगत उजियारा॥२९॥

साधु संत के तुम रखवारे
असुर निकंदन राम दुलारे॥३०॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता
अस बर दीन जानकी माता॥३१॥

राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा॥३२॥

तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम जनम के दुख बिसरावै॥३३॥

अंतकाल रघुवरपुर जाई
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई॥३४॥

और देवता चित्त ना धरई
हनुमत सेई सर्व सुख करई॥३५॥

संकट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥३६॥

जै जै जै हनुमान गुसाईँ
कृपा करहु गुरु देव की नाई॥३७॥

जो सत बार पाठ कर कोई
छूटहि बंदि महा सुख होई॥३८॥

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा
होय सिद्ध साखी गौरीसा॥३९॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय मह डेरा॥४०॥

दोहा

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥

Hanuman Chalisa pdf

[maxbutton id=”2″ url=”https://www.hindutemplealbany.org/wp-content/uploads/2016/08/Sri_Hanuman_Chalisa_Hindi.pdf” text=”DOWNLOAD” ]


हनुमान चालीसा: महत्व, अर्थ और चमत्कारी लाभ

हनुमान चालीसा का महत्व

हनुमान चालीसा हिंदू धर्म में अत्यंत पूजनीय और शक्तिशाली स्तोत्र माना जाता है। यह गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित एक भक्ति स्तोत्र है, जिसमें भगवान हनुमान की महिमा, गुण और उनके कार्यों का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र 40 छंदों (चालीस चौपाइयों) में विभाजित है, और इसे पढ़ने से व्यक्ति को अनेक आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं।

हनुमान चालीसा का इतिहास

हनुमान चालीसा का रचना काल 16वीं शताब्दी में माना जाता है। यह ग्रंथ अवधी भाषा में लिखा गया है, जो हिंदी भाषा की एक प्राचीन बोली है। यह ग्रंथ इतना शक्तिशाली है कि इसके पाठ मात्र से ही नकारात्मक शक्तियाँ नष्ट हो जाती हैं और व्यक्ति को मानसिक शांति प्राप्त होती है।

हनुमान चालीसा के पाठ के लाभ

1. मानसिक शांति और तनाव मुक्ति

हनुमान चालीसा का नियमित पाठ मन को शांत करता है और व्यक्ति को नकारात्मक विचारों से दूर रखता है। यह तनाव और चिंता को कम करने में सहायक होता है।

2. नकारात्मक ऊर्जा और भूत-प्रेत बाधा से रक्षा

हनुमान चालीसा को पढ़ने से व्यक्ति किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रहता है। यह भूत-प्रेत बाधाओं को दूर करने में अत्यंत प्रभावी माना जाता है।

3. आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि

हनुमान चालीसा के पाठ से व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है। यह कठिन परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है।

4. ग्रह दोषों से मुक्ति

ज्योतिष के अनुसार, हनुमान चालीसा का पाठ शनि, राहु और केतु के अशुभ प्रभाव को कम करता है। विशेष रूप से शनि की साढ़े साती और ढैया से पीड़ित लोगों के लिए यह अत्यंत लाभकारी है।

5. स्वास्थ्य लाभ

हनुमान चालीसा के नियमित पाठ से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में भी सुधार होता है। यह मानसिक तनाव को दूर कर नींद संबंधी विकारों में भी सहायता करता है।

6. कार्यों में सफलता

हनुमान चालीसा पढ़ने से व्यक्ति को कठिन कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। यह विशेष रूप से विद्यार्थियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए लाभकारी है।

हनुमान चालीसा पाठ करने की विधि

1. पाठ करने का सही समय

  • ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) में हनुमान चालीसा का पाठ करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
  • शाम के समय भी इसका पाठ करना लाभकारी होता है।
  • मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।

2. पाठ करने की सही विधि

  • स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर पाठ करें।
  • घी का दीपक जलाएं और चंदन, फूल और प्रसाद अर्पित करें।
  • पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव से पाठ करें।

हनुमान चालीसा का अर्थ और व्याख्या

हनुमान चालीसा में भगवान हनुमान के अद्भुत गुणों का वर्णन किया गया है। यह हमें भक्ति, शक्ति, सेवा और समर्पण की सीख देता है।

प्रमुख चौपाइयों का अर्थ

  1. “जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर”
    • हनुमान जी को ज्ञान और गुणों का महासागर कहा गया है। वे तीनों लोकों में प्रसिद्ध हैं।
  2. “रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा”
    • वे भगवान राम के दूत हैं और अतुलनीय बलशाली हैं। वे अंजनी के पुत्र और पवन देव के पुत्र माने जाते हैं।
  3. “संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा”
    • जो भी हनुमान जी का स्मरण करता है, उसके सभी संकट समाप्त हो जाते हैं।

हनुमान चालीसा से जुड़े कुछ अद्भुत तथ्य

  • यह 40 चौपाइयों का संग्रह है, जिसमें भगवान हनुमान की महिमा गाई गई है।
  • हनुमान चालीसा का पाठ विशेष रूप से शनि ग्रह के दोषों को कम करने में सहायक माना जाता है।
  • यह संसार के सबसे अधिक पढ़े जाने वाले धार्मिक ग्रंथों में से एक है।
  • हनुमान जी को अमर माना जाता है, इसलिए वे सदा अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।

निष्कर्ष

हनुमान चालीसा का पाठ न केवल आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है, बल्कि यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी सुधारता है। नियमित रूप से हनुमान चालीसा पढ़ने से जीवन की अनेक कठिनाइयाँ समाप्त हो जाती हैं और व्यक्ति को सफलता एवं शांति प्राप्त होती है।

Leave a Comment